Tuesday, 27 June 2017

अमेरिका सेना में चयनित हुए भूमिहार पुत्र दिनेश सिद्धांत राय

बताते हुए बहुत खुसी हो रही है कि
  भूमिहार समाज से। आने वाले दिनेश सिद्धान्त राय जी का 
  
अमेरिकी सेना चैन हुआ है ।  देश और समाज का नाम रोशन कर ने वाले राय साहब ,#आरा बिहार के है।
बर्तमान में परिवार साहित अहमदाबाद गुजरात मे रहते है।

7 कड़ी मेहनत के से नौकरी का वीजा हासिल किया ।

फिर अमेरिका की सेना की भर्ती  परीक्षा में बैठे ।
  
और योग्य साबित हुए ।

अभी राय साहब प्रशिक्षण में है । समाज और देश के लिए गर्व की बात है ।

नाम - दिनेश सिद्धान्त राय

पिता का नाम- सिद्धान्त राजकिशोर राय

भूमिहार समाज  की तरफ से  
राय साहब  को बहुत बहुत बधाई।

जय परसुराम।

अमेरिका सेना में चयनित हुए भूमिहार पुत्र दिनेश सिद्धान्त राय

बताते हुए बहुत खुसी हो रही है कि
  भूमिहार समाज से। आने वाले दिनेश सिद्धान्त राय जी का
 
अमेरिकी सेना चैन हुआ है ।  देश और समाज का नाम रोशन कर ने वाले राय साहब ,#आरा बिहार के है।
बर्तमान में परिवार साहित अहमदाबाद गुजरात मे रहते है।

7 कड़ी मेहनत के से नौकरी का वीजा हासिल किया ।

फिर अमेरिका की सेना की भर्ती  परीक्षा में बैठे ।
 
और योग्य साबित हुए ।

अभी राय साहब प्रशिक्षण में है । समाज और देश के लिए गर्व की बात है ।

नाम - दिनेश सिद्धान्त राय

पिता का नाम- सिद्धान्त राजकिशोर राय

भूमिहार समाज  की तरफ से 
राय साहब  को बहुत बहुत बधाई।

जय परसुराम।

Thursday, 15 June 2017

एक शेरदिल भुमिहार ब्राह्मण जो हजारो नक्सली पे भारी पड़े थे।

ये तस्वीर स्वर्गीय गायत्री सिंह की है जो ग्राम - उर विशुनपुर , पोस्ट - उर विशुनपुर , थाना- अलीपुर , जिला - गया के निवासी स्वर्गीय श्री #उदय नारायण सिंह जी के पुत्र थे , वे ४ भाइयों में दुसरे क्रम में थे . पुरे गया जिले और खास कर मगध क्षेत्र में इकलौते ऐसे शेरदिल भूमिहार थे, जिन्होंने अपने ४ भाइयों के बल पर हजारों की संख्या में आये #माओवादी नक्सलवादियों को मार भगाया था , 1990 की एक रात हजारों नक्सलवादियों ने आक्रमण करके उनको ४ भाइयों और हथियार समेत आत्मसमर्पण करने बोला गया .स्वर्गीय गायत्री बाबु ने उनको ललकारा , और जवाबी फायरिंग स्टार्ट की गयी , कहते हैं की बोरी से भर कर कारतूस रखने वाले और अपने ३ भाइयों के साथ ४ राइफल के बल पर , रात भर की फायरिंग के बाद सबको जान ले कर भागने पर मजबूर कर दिया गया . इस घटना की सुबह तत्कालीन एस. पी अनुराग कश्यप ने साहसी घटना की जमकर तारीफ की और 12 सिपाही साथ में 1 हवालदार को उनके दालान पर तैनात कर दिया , जो करीब ३ साल तक रहा . और इस बीच उग्रवादी भी उनके आस पास नहीं आये , ३ साल के बाद सबने ये सोच लिया की अब उग्रवादियों का डर नहीं , इस तरह पुलिस कैंप को हटा लिया गया , लेकिन उग्रवादी के निशाने पर हमेशा थे , 31 अक्टूबर 1995 की रात करीब 10 बजे उग्रवादियों ने घात लगा कर आक्रमण किया , जिसमे गाँव के कुछ विरोधी तत्वों की मिलीभगत शामिल थी, घर के आगे बने दालान के छत्त पर चारों भाई एक साथ सो रहे थे , आँख लग गयी थी और दालान के पश्चिम दिशा से सीढ़ी लगा कर उग्रवादी चढ़ गए, और ताबड़तोड़ फायरिंग स्टार्ट कर दिया , गायत्री बाबु समेत २ भाई स्वर्गीय नंदकिशोर सिंह एवं गिरजेश सिंह की मौके पर मौत हो गयी , एक भाई ने हाथ में राइफल ले कर सामने की तरफ कमरे में छलांग लगा दी , और मुकाबले के लिए तैयार हो गए , लेकिन किस्मत ख़राब थी , राइफल में मात्र ६ गोली जो मैगजीन में होती है , वही रह गयी शेष गोलियों का बेल्ट सिरहाने के पास रह गया , लेकिन उन्होंने हार न मानी उन ६ गोलियों के बल पर १ घंटे तक पास आने नहीं दिया , उस समय समाज की कायरता सामने आई जब ये लोग शहीद हो रहे थे तो किसी ने साथ नहीं दिया , कोई किसी के गाँव में आकर किसी को मार नहीं सकता जब तक वहां के लोग साजिश में शामिल न हो , घर फूटे गाँव लुटे , गाँव फूटे naxalite लुटे ये बात यही साबित हुयी . अंत में अवधेश बाबु भी उग्रवादियों के हाथ शहीद हो गए , लेकिन उनको मारना इतना आसान न था , अंत समय तक पारंपरिक हथियार से मुकाबला किये , और २-४ को घायल किये , और शहीद हो गए . उसके बाद नक्सलवादियों ने सभी को घर से बहार करके घर में आग लगा दिया , घर के सरे सामान, कपडे , आनाज को लूट ले गए . सुबह प्रान्त के सभी नेताजी लोग का जमावड़ा लगा , मुआवजा देने का और सान्तवना देने का सिलसिला चला . आज के समय सोचता हुँ कि वो अकेले हजारों नक्सलवादियों पर भारी पड़े थे , उनकी सहायता में समाज के लोग नहीं आये , बारा नरसंहार की घटना कुछ ऐसी ही थी .आज समाज के लोगों को वैचारिक रूप से सशक्त होने की जरुरत है !!!
साभार
✍️ विष्णुकान्त शर्मा

Monday, 12 June 2017

करईल माटी के लाल बृजनंदन राय जी को ए०बी०वी०पी के मिर्ज़ापुर ,भदोही पुनः संगठन मंत्री बनाये जाने पर हार्दिक बधाई

गाज़ीपुर  मुहम्बदबाद विधानसभा , राजपुर गांव में  एक मध्यम वर्गीय किसान परिवार में   पैदा हुए  ।
बृजनंदन राय जी 2010 में  अखिल भारतीय विद्यर्थि परिसद  से जुड़े आज पूर्वांचल के मजूबत छात्र नेता है ।

पुनः राय साहब को मिर्ज़ापुर और भदोहि जिले के संगठन मंत्री की जिमेदारी दी गई ।

गांव शहर रात दिन मेहनत कर के राय साहब ने
  संगठन को  बहुत उचाई तक ला दिया है।

राय साहब प्रदेश कार्य कारणी  के सदस्य भी रह चुके हैं।

चंदौली जिले के जिला संयोजक की भी जिमेदारी बखूबी  निभा चुके हैं।

छात्रों ने अपना मजबूत नेता माना है ।
और राय साहब भी उनके हक के लिए ।
  उनके साथ चट्टान की तरह खड़े दिख ते  हैं।

हमारे भू समाज और छात्र संघ के सितारा है ।
ब्रिज़न्दन राय जी।

भुमिहार समाज की तरफ से बहुत बहुत शुभकामनये  । आप के उज़्ज़वल भविष्य कामना कर ते है।