भूमिहार ब्राह्मणों ने सदैव बीजेपी को अपनी पार्टी मानते हुए तन मन धन से मजबूती प्रदान किया । अब उन्हें उसी पार्टी में दरकिनार किया जाने लगा । क्या, इस ब्रह्मर्षि समाज की दूरदर्शी सोच और समर्पण को बीजेपी हाईकमान ने बिलकुल कमजोरी मान लिया ? बीजेपी को बढ़ाने के चक्कर में इस समाज ने हमेशा बलिदान दिया । परन्तु सुशील मोदी के बहकावे में आकर अमित शाह जी ने इस स्वाभिमानी वर्ग की भावनाओं के साथ भद्दा मजाक किया है । परशुराम वंशजो ने ही लालू के गुंडों से बराबर टक्कर लिया है, अब भी ब्रह्मर्षियो को अपनी सोच व निष्ठां पर गर्व है !!
अच्छा हैं झंडा ढोए भुमिहार ब्राह्मण ।पार्टी को अपने खून पसीना से सीच करके खड़ा करे हमलोग। सड़को पर लाठी खाये हमलोग। अंधभक्ति करे हमलोग और जब मलाई खाने की बारी आये तो वो नित्यानन्द राय (अहीर) लेके भाग जाए, तो माफ़ करना मोदीजी ये ब्रह्मर्षि समाज हैं हम खड़ा करना जानते है तो गिराना भी जानते हैं, अगर शादी कराना जानते है तो श्राद्ध भी कराना आता है हमें, हम दिनकर के अंसज हैं और राजनारायण के वंसज हैं। वही दिनकर जिन्होंने सांसद में खड़े होके नेहरू को भी उनकी औकाद बता दी थी वही राजनरायण जिन्होंने इंदिरा जी को उनकी औकाद बता दी थी।
वोट मेरा और राज किसी और का नहीं चलेगा।
जय परशुराम।
Wednesday, 30 November 2016
बिहार भाजपा में भूमिहार ब्राह्मण का अपमान
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वक़्त के नब्ज़ पर हो नज़र --तभी पाओगे कदर
ReplyDeleteअब समय आगया है की स्वर्ण बर्न अपना एक अलग सरकार बनाने की अब येसब पार्टी जनरल को बहुत पीछे ठेल देगी
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